रिपोर्ट-तारा शुक्ला सोनभद्र
सोनभद्र : भारत मे आरक्षण की नीति एक जटिल और सम्बेदनाशील विषय रही है । इसे सामजिक और आर्थिक बिसमतायो को कम करने के लिए लागु किया गया था।
हलाकि इसे लागु होने के बाद बिभिन्न जातियों और वर्गों के बिच आसामनाता की नई परते उभरने लगी आज सवर्ण वर्ग ब्राह्मण,ठाकुर ,कायस्त वैश्य शामिल है,महसूसू कर रहे है की उन्हे आरक्षण की नीति हासिये पर ठकेल दिया है। सवर्ण आर्मी प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने सभी सवर्ण का अवाहन किया की सभी एक मंच पर आ जाए, उनका मानना है कि यदि सभी सवर्ण एक जुट हो कर आरक्षण नीति का बिरोध करते है तो सामाजिक आसामनाता ख़त्म करने मे मदत कर सकता है –
सवर्णो को एक जुट होना न केवल उनकी आवाज को सशक्त करेगा बल्कि समाज मे एक सकरात्मक बदलाव लाने मे सहायक होगा । प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने प्रमोशन मे आरक्षण को गलत बताया उनका तर्क है की योग्य ब्यक्तियों अवसरो मे कमी आती है और इससे न केवल इन ब्यक्तिओ का नुकसान होता है।
बल्कि पूरे समाज का भी ,योग्य ब्यक्तिओ को उनके काम के आधार पर पहचान मिलनी चाहिए न की उनके जाति के आधार पर पहचान मिलनी चाहिए। आरक्षण के कारण समाज मे आसामानता बड़ रही है। यह ऐसा मुद्दा है,जिसे ध्यान मे रख कर हमे सोचना चाहिए क्या हम वास्तब मे उस समाज का निर्माण कर रहे है,जिसमे सभी लोग समान रूप से समर्पित है,जब हम आरक्षण के माध्यम से एक वर्ग को लाभ पहुंचाते है तो क्या हम दूसरे वर्ग को आसामानता का सामाना करने को मजबूर नहीं कर रहे है ,
सूरज प्रसाद चौबे ने समाज मे जागरुकता फैलाने पर जोर दिया,यह भी कहा की सवर्णो को समझना होगा की आरक्षण केवल आसामानता फैला रहा है जबकि हमे इसे ख़त्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है सवर्ण आर्मी सवर्ण जोड़ो अभियान पूरे प्रदेश मे चला रही है 29 सितम्बर को सवर्ण आर्मी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपाल जी पांडेय उनके साथ प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे जैनपुर मीरज़ापुर मे सवर्ण सम्मेलन मे भाग ले रहे है जिसमे सभी सवर्ण एक मंच पर आ कर आरक्षण का करे बिरोध का आयोजन हुआ
नोट – News10plus इस लेखनी व पोस्ट की पुष्टि नही करता इस पोस्ट को जनहित में प्रकाशित किया गया है इसी पूर्ण जवाबदेही रिपोर्टिंग करने वाले की होगी खबर मे ऊपर रिपोर्ट करने वाले का नाम दिया गया है। धन्यवाद