रिपोर्ट मोहम्मद राशिद-सैय्यद
अम्बेडकरनगर ! उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2025-26 के अनुपालन में राम सुलीन सिंह,
माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 24.05.2025 को बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में किशोर न्याय, बाल श्रम
निषेध एवं बच्चों के हितार्थ कानूनों के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह एवं नारी शरणालय अयोध्या का निरीक्षण किया गया।
विधिक साक्षरता शिविर में दी गई जानकारी
शिविर को सम्बोधित करते हुये भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि किशोर न्याय
बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा किशोर माना जाता है। किशोर न्याय प्रणाली का मकसद सार्वजनिक सुरक्षा बनाये रखना, कौशल विकास, पुनर्वास और उपचार की जरूरतों को पूरा करना होता है।
बाल श्रम निषेध अधिनियम के बारे में जानकारी
अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा अपचारियों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 के विषय में जानकारी देते हुये बताया गया
कि यह अधिनियम 1 सितंबर, 2016 से लागू हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी व्यवसाय या प्रक्रिया में और 14 से 18 साल के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों में काम करने से रोकना है।
शेल्टर होम्स निरीक्षण
शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या की स्वच्छता, किशोर अपचारियों के खाने पीने एवं उनके स्वास्थय के सम्बन्ध में शिक्षा तथा मनोरंजन के साधनों पर जानकारी ली गई।
बढ़ती गर्मी से बचाव के लिये शुद्ध ठण्डे पेय जल की व्यवस्था करने कूलर पंखे आदि की व्यवस्था किये जाने हेतु एवं बदलते मौसम के अनुसार स्वास्थय का ध्यान रखने एवं उनकी अस्वस्थता पर अविलम्ब चिकित्सा सुविधा दिलवाये जाने हेतु निर्देशित करते हुये आवश्यक निर्देश दिये गये।