परिवहन विभाग की टीम ने 06 वाहन किए निरुद्ध, 20 से अधिक पर हुई कार्रवाई
अम्बेडकरनगर ! 26 अगस्त 2025। परिवहन विभाग अम्बेडकरनगर की अन्तरजनपदीय प्रवर्तन टीम ने जिले के विभिन्न मार्गों पर अनाधिकृत रूप से संचालित यात्री बसों और वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की।
जलालपुर-बसखारी मार्ग, राजेसुल्तानपुर-टांडा मार्ग
टांडा-अयोध्या मार्ग, गौहन्ना बाईपास- दोस्तपुर रोड चौराहा, इन स्थानों पर परमिट शर्तों का उल्लंघन कर संचालित बसों पर छापामार कार्यवाही की गई।
बड़ी कार्यवाही
साथ ही जलालपुर नगर पालिका परिषद के पश्चिमी चौराहे पर प्रयागराज से राजेसुल्तानपुर जा रही बस को निरुद्ध किया गया है। दोस्तपुर चौराहे (गौहन्ना बाईपास) पर आजमगढ़ जा रही बस निरुद्ध। बसखारी कस्बे के पास लखनऊ जा रही बस निरुद्ध।
इन तीनों स्थानों पर कुल 02 बसें निरुद्ध की गईं और 05 बसों का चालान किया गया। वाहनों में नंबर प्लेट गायब/छिपी होने, प्रेशर हॉर्न लगे होने और फुटकर सवारी ढोने की शिकायतें मिलीं।
अन्य कार्यवाही
सुल्तानपुर यात्रीकर/मालकर अधिकारी शैलेन्द्र तिवारी की देखरेख में थाना अलीगंज क्षेत्र से 02 वाहन निरुद्ध ए आरटीओ कार्यालय में 02 वाहन निरुद्ध
कुल 06 यात्री वाहन निरुद्ध, 15 अन्य बस/यात्री वाहनों का चालान, लगातार जारी रहेगा अभियान,अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि – बार-बार परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले बस संचालकों के खिलाफ
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 86 के तहत परमिट निलंबन/निरस्तीकरण की संस्तुति राज्य परिवहन प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश को भेजी जाएगी।
वाहन स्वामियों से अपील की गई है कि वे अपनी बसों का संचालन केवल कॉन्ट्रैक्ट मैरिज (पार्टी/ग्रुप बुकिंग) में ही करें।
प्रशासन का सख्त संदेश – परिवहन विभाग ने कहा – अनधिकृत रूप से संचालित या परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कठोर कार्यवाही जारी रहेगी। दोषी संचालक स्वयं इसके लिए उत्तरदायी होंगे।”
बहरहाल प्राइवेट बसों पर कार्रवाई तो की गई है, लेकिन इस बार निजी बसों के संचालन पर उपसंभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) का कहना है कि बसों का संचालन केवल मैरिज पार्टी या ग्रुप पार्टी के लिए किया जा सकता है।
हालांकि उपसंभागीय परिवहन अधिकारी के जनपद में आते ही ये चर्चा में आए थे जब इनसे प्राइवेट बसों की ठेका परमिट पर अवैध रूप से सवारियाँ ढोने के मामले पर सवाल किया गया था।
जिस पर उन्होंने कहा था डग्गामार शब्द है ही नहीं, ये शब्द आया कहां से?” मीडिया के तर्क पर उन्होंने आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह की प्रतिक्रिया दी थी। बहरहाल, जिन बसों पर प्रवर्तन की कार्रवाई की गई है, वे प्राइवेट बसें इन में से नही है।
जो जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेखौफ दौड़ रही हैं। जिसमें एक दो बसें नही है लगभग तीन दर्जन से अधिक बसें संचालित है, इन पर कार्रवाई नही की गई।
जबकि इस तरह की ठेका परमिट लेकर जलालपुर, बसखारी, जहांगीरगंज, हंसवर, टांडा, से लखनऊ तक सवारियां ढोते हुए संचालित होने वाली बसें है जिन पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा है?..
असलियत कुछ और ही बयां कर रही है?.. बहरहाल यह संचालित बसों में से कई वाहन स्वामी ऐसे भी है जिनकी कई बसें संचालित है, जिनमें एक बहुचर्चित वाहन स्वामी है, जिनकी भी पाँच बसें संचालित हो रही हैं।
जिस पर जिस पर “आर्मी एक्सप्रेस” लिखकर सीधे सीधे आर्मी के पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं, सेना में कार्यरत रह चुका युवक अपनी निजी बस पर कंडक्टर बनकर यात्रियों से किराया वसूलने का कार्य कर रहा है, जबकि बस पर सेना का पद लिखवा कर खुलेआम सेना के पद व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।
वास्तव में सेना का पद इतना सम्मानित है कि उसे किसी निजी वाहन पर लिखकर व्यावसायिक लाभ उठाना न केवल अनुचित है बल्कि उच्च न्यायालय के सख्त आदेशों का उल्लंघन भी है। इसके बावजूद यह खुलेआम जारी है।



