आखिर”कार सीओ जियाउलह़क को मिल ही गया इंसाफ”आज़ाद घूम रहे हत्यारों का बाकी जीवन बितेगा सलाखों के पीछे”पिता पत्नी के कलेजे को मिल गई ठंडक
सीओ जियाउलहक का अंबेडकरनगर जनपद के आलापुर से विशेष लगाव था उन्होंने छोड़ी थी अपनी तटस्थ प्रशासक छवि आलापुर के लोग आज भी उन्हें याद करते हैं।
प्रतापगढ़ /अम्बेडकरनगर ! सीओ जियाउलहक हत्याकांड में 11 वर्ष बाद 10 दोषियों को उम्र कैद की सुनाई गई सज़ा बतादे सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों पर लगभग ₹200000 का लगाया जुर्माना प्रत्येक अभियुक्त पर 19500 -19500 रुपया जुर्माना देना होगा।
जुर्माने की आधी राशि प्रतिकर के रूप में पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी सीबीआई की विशेष अदालत ने कल बुधवार को 11 साल बाद सभी 10 दोषियों को सुनाई उम्र कैद की सजा सीबीआई कोर्ट ने जियाउलहक हत्याकांड के प्रकरण में 5 अक्टूबर को 10 आरोपियों को दोषी बनाया है।
उन सभी जिन 10 आरोपियों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई साथ ही जुर्माने की रकम अदा करने का भी आदेश दिया गया जिसमें शामिल पाये जाने वाले फूलचंद यादव ,पवन यादव ,मंजीत यादव ,घनश्याम सरोज ,राम लखन गौतम ,छोटे लाल यादव ,राम आसरे ,मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ला पटेल को ।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार ने सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई प्रतापगढ़ के कुंडा में तैनाती के दौरान सीओ जियाउलहक की गई थी हत्या खेत में मिला था सीओ जियाउलहक का शव –
प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च 2013 को प्रधान नन्हे यादव की जमीनी विवाद में कर दी गई थी हत्या ग्राम प्रधान की हत्या की बाद उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया और रात 8:15 बजे बलीपुर गांव के कामतापाल के घर में आग लगा दी इसी बीच कुंडा थाना प्रभारी सर्वेश मिश्रा अपनी टीम के साथ पहुंचे।
लेकिन भीड़ की वजह से नन्हे यादव के घर की तरफ जाने की हिम्मत ना जुटा सके वही भीड़ को समझा रहे सीओ जियाउलहक से झड़प में प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की गोली लगने से मौत हो गई इसके बाद भीड़ ने सीओ जियाउलहक की पिटाई के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी।
रात 11:00 बजे सीओ जियाउलहक की तलाश शुरू हुई तो उनका शव प्रधान के घर के पीछे पड़ा मिला था इस तिहरे हत्याकांड को लेकर चार एफआईआर दर्ज कराई गई थी पहले रिपोर्ट थाना प्रभारी मनोज शुक्ला ने प्रधान नन्हें यादव भाइयों और बेटे समेत 10 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी वहीं प्रधान और सुरेश की हत्या को लेकर भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
सीओ जियाउलहक की पत्नी परवीन आजाद ने इस मामले में आखिरी एफआईआर दर्ज कराई थी पुलिस की विवेचना के दौरान शासन ने मामले की विवेचना सीबीआई को सौंप दी थी सीबीआई ने 8 मार्च 2013 को मामला दर्ज कर विवेचना शुरू किया था 11 साल बाद अब हत्या कांड मामले में सभी 10
दोषियों को उम्र कैद की सजा मिलने पर जियाउलहक के पिता समसुल हक और मां हाजरा खातून ने फैसले पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि देर से ही सही आखिरकार इंसाफ मिल गया अब तक हत्यारे आजाद होकर घूम रहे थे अब जेल की सलाखों में रहेंगे तो कलेजे को ठंडक मिलेगी