अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का आयोजन
एडिटर रिपोर्ट मोहम्मद राशिद-सैय्यद
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया
अम्बेडकरनगर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा दिव्यांगजनों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई।
आयोजित विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर में डा० ओमप्रकाश, सी०एम०एस०, डा० आशुतोष सिंह, उपचिकित्साधिकारी, अ०नगर, डा० हर्षित गुप्ता, सं०जि०चिकित्सालय प्रबन्धक,
श्री रमेश राम त्रिपाठी, चीफ एल०ए०डी०सी०एस०, जि०वि०से०प्रा० के कर्मचारी, पी०एल०वी० तथा जिला चिकित्सालय के कर्मचारी उपस्थित रहे।
जामृति विकास केन्द्र, ग्राम पिछवारा, भीटी, में आयोजित विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने बताया गया कि
दिव्यांग दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसम्बर को उन्हे आत्म सम्मान, अधिकार और दिव्यांग व्यक्तियों के बेहतर जीवन के लिये समर्थन प्रदान करने के लिये एक उद्देश्य के साथ मनाया जाता है। वर्ष 1992 के बाद से अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति
करूणा और दिव्यांगता के मुद्दों की स्वीकृति को बढ़ावा देने और इस दिन को मनाने का मकसद, विविधता को अपनाना, बाधाओं को तोड़ना, और सभी के लिए अधिक समावेशी भविष्य सुनिश्चित करना है, दिव्यांग जनों के आत्म-सम्मान, कल्याण और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता करना,
आधुनिक समाज में अशक्त जनों के साथ हो रहे हर प्रकार के भेद-भाव को समाप्त करना, इस दिशा में किये गए प्रयास के अंर्तगत अक्षम व्यक्तियों के प्रति प्रेम-भाव और आदर बढ़ाने के लिये भारत में अक्षम व्यक्तियों को ‘दिव्यांग’ कहा जाने लगा है, 40 प्रतिशत या उससे अधिक अक्षमता वाले लोगों को दिव्यांग की श्रेणी में गिना जाता है।
दिव्यांगजनों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने तथा उनके कौशल को पोषण देने एवं उनकी सुगमता और अधिकारों की सुरक्षा के लक्ष्य पर आधारित दिव्यांगजन अधिकार विधेयक 2016 पारित किया जा चुका है।
दिव्यांगजन अधिकारों के अंर्तगत दिव्यांगजनों को भी अन्य लोगों की तरह चल-अचल संपत्ति का स्वामित्व हासिल करने का अधिकार है दिव्यांगजन को न्याय प्रणाली में समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सुविधाएं और सेवाएं सार्वभौमिक रूप से सुलभ होनी चाहिए दिव्यांगजन को कानूनी नोटिस और
सूचना समय पर और सुलभ तरीके से मिलनी चाहिए दिव्यांगजन को मुफ्त और किफायती कानूनी सहायता मिलनी चाहिए दिव्यांगजन को मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों में शिकायत करने और कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है दिव्यांगजन को अन्य लोगों की तरह न्याय प्रणाली के प्रशासन में
समान रूप से भाग लेने का अधिकार है. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति किसी दिव्यांगजन को सार्वजनिक तौर पर अपमानित करता है या अपमानित करने के ध्येय से कुछ कहता है तो उसे इस अपराध के लिए उसे कारावास का दंड भी दिया जा सकता है।
दिव्यांगजन के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए इस अधिनियम ने आरक्षण कोटा को 3 प्रतिशत से बढ़ा कर 4 प्रतिशत कर दिया है। अधिनियम ने 6 साल से 18 साल तक के दिव्यांग बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया गया है। तेजाब हमले के पीड़ितों को विकलांग सूची में शामिल किया गया है।
श्रीमती प्रतिभा यादव, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, अम्बेडकरनगर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी को दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई
एवं योजनाओं का लाभ लेने हेतु पात्रता नियम एवं शर्तों के विषय में भी बताया गया एवं यह भी जानकारी दी गई कि संस्था जागृति विकास केन्द्र द्वारा दिव्यांजन
सशक्तीकरण विभाग के सहयोग से दिव्यांगजन हेतु निरामया बीमा कार्ड बनवाया गया है जिसमें दिव्यांगों को 01 लाख तक का निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है तथा कार्यक्रम में 15 दिव्यांगों को यह कार्ड प्रदान किया गया।
संयुक्त जिला चिकित्यालय में आयोजित विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर में डा० ओमप्रकाश, सी०एम०एस०, जिला चिकित्सालय द्वारा बताया गया कि जिला चिकित्सालय में प्रत्येक काउन्टर पर दिव्यांगजनों के लिये विशेष सुविधायें उपलब्ध है।
डा० आशुतोष सिंह, उपचिकित्साधिकारी अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने एवं दिव्यांग पेंशन बनवाने की प्रकिया के बारे में बताया गया।
डा० हर्षित गुप्ता, चिकित्सालय प्रबन्धक द्वारा बताया गया कि जिला चिकित्सालय दिव्यांगजनों को कई सुविधायें प्रदान करता है एवं चिकित्सालय को दिव्यांगजनों की सुविधा के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।