नरोत्तमपुर घटना में पीएम के बाद जब मृतक का शव परिजनों को सौंपा गया, परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया,जानिये फिर क्या हुआ।
आलापुर करसपोंडेंट की खास रिपोर्ट
अम्बेडकरनगर : जनपद की तहसील आलापुर क्षेत्र थाना राजेसुल्तानपुर अंर्तगत नरोत्तमपुर घटना में बीती देर रात को जब शव घर पहुंचा तो मच गया कोहराम-देखें वीडियो
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भीम आर्मी सेना प्रातः से ही साथ साथ लगी रही नरोत्तमपुर गांव में सैकड़ों लोगों का जमावड़ा लगा देख कर प्रशासन के हाथ पांव फूल गये जहा मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
भीम आर्मी सेना के लोगों, ग्रामीण व परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और मांग किया कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तथा मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद नही दी जाती जब तक इसकी सूचना मिलते ही
उपजिलाधिकारी आलापुर सुभाष सिंह, व नायब तहसीलदार राजकपूर, क्षेत्राधिकारी रामबहादुर सिंह, क्षेत्रीय लेखपाल, सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनों व इकट्ठा रही भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों एवं परिजनों के साथ भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने पीड़िता मृतक की पत्नी को आर्थिक
सहायता,आवास,भूमिहीन होने पर भूमि उपलब्ध कराने और मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग किया। उपजिलाधिकारी को जब यह पता चला कि मृतक आश्रितों के पास बिल्कुल जमीन नहीं है तब उन्होंने तत्काल ग्राम पंचायत की 16 विस्वा जमीन नापकर पीड़िता को देने को कहा।
जिसे मौके पर चिन्हित कर दिया गया है। खण्ड विकास अधिकारी जहांगीरगंज से आवास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया अबोध बच्चों की शिक्षा आदि निःशुल्क उपलब्ध कराने और मृतक आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिया।
मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब पीड़ित परिवार से यह पता चला कि पीड़िता को आवास उपलब्ध होने पर उसे आवास बनाने की जमीन मिली ही नहीं है,तब पीड़िता अपने तीन बच्चों में एक लड़का व दो लड़कियां है,
जिनकी उम्र 8 वर्ष 5 वर्ष व 2 वर्ष है सभी एक साथ एक छप्पर में रहते है। काफी देर बाद उपजिलाधिकारी सुभाष सिंह नायब तहसीलदार राजकपूर एवं क्षेत्रीय लेखपाल ने आश्वस्त किया कि पीड़िता को आवास बनाने के लिए जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी।
मौके पर भारी पुलिस बल के साथ क्षेत्र के हजारों लोगो ने मृतक की पत्नी और अबोध बच्चों की चीख पुकार सुनकर उस वख्त सभी की आंखों में पानी आ गया सभी ने नम आंखों से मृतक को अंतिम विदाई दिया। बहरहाल दिन भर चले मंथन व वार्तालाप के बाद शाम के समय शव को चांडीपुर घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस लिया