अंबेडकरनगर ! 06 अक्टूबर 2025। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के जिला अध्यक्ष गुलाम दस्तगीर अंसारी ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी अंबेडकरनगर डॉ. शशी शेखर के माध्यम से भेजा।
साथ ही ज्ञापन में एआईएमआईएम अध्यक्ष गुलाम दस्तगीर अंसारी ने कहा कि 2014 के बाद से देश में धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दिया जा रहा है, उन्होंने आरोप लगाया कि
उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से मुस्लिम समाज को टारगेट कर कभी गोहत्या के नाम पर, कभी दाढ़ी-टोपी, मंदिर-मस्जिद या लव जिहाद के नाम पर हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि बरेली में 26 सितम्बर 2025 को हुई हिंसक घटना इसका ताज़ा उदाहरण है, जहाँ कथित तौर पर प्रशासन के निर्देश पर मुस्लिम समाज के निर्दोष लोगों – जिनमें महिलाएँ, बुज़ुर्ग और नाबालिग शामिल थे – पर लाठीचार्ज किया गया। कई लोगों को घरों से घसीटकर पीटा गया।
ज्ञापन में एआईएमआईएम के नेताओं ने कहा कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया था वो “संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत तथा निंदनीय” है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि फतेहपुर, आगरा, बरेली सहित प्रदेश के कई जनपदों में भाजपा, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू सेना, आरएसएस और करणी सेना जैसे संगठनों द्वारा सुनियोजित रूप से धार्मिक नफ़रत फैलाई जा रही है, जबकि प्रशासन इन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
एआईएमआईएम जिला अध्यक्ष ने कहा – “ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक शासन नहीं, बल्कि धर्म विशेष की विचारधारा पर आधारित शासन चल रहा है। यह संविधान की भावना और धर्मनिरपेक्ष भारत की आत्मा के खिलाफ है।”
ज्ञापन में एआईएमआईएम पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति से मांग की है कि – उत्तर प्रदेश सरकार को संविधानसम्मत कल्याणकारी शासन चलाने के निर्देश दिए जाएँ।
जिसके साथ ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार किया जाए ताकि न्याय और समानता का वातावरण बहाल हो सके।
उक्त दिए गए ज्ञापन पर एआईएमआईएम के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर भी किए है जिनमें शामिल नाम – अख़्तर हसन, जुनैद अंसारी, गुलाम रसूल, रेहान रज़ा सहित एआईएमआईएम के कई पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।



