अंबेडकरनगर में “बेजा रस्में मिटाओं, राहत पाओ” पद यात्रा का आयोजन
रिपोर्ट एडिटर मोहम्मद राशिद-सैय्यद
अंबेडकरनगर ! में समाज सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद एबाद ने “बेजा रस्में मिटाओं, राहत पाओ” पद यात्रा का आयोजन करने का एलान किया है।
यह पद यात्रा समाज में फैली अनावश्यक परंपराओं और कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित की जा रही है। श्री एबाद ने ‘बेजा रस्म हटाओ, राहत पाओ’ का नारा देते हुए पदयात्रा का एलान कर दिया है जिसकी तैयारियां काफी जोरशोर से शुरू हो चुकी है।
कटघर कमाल निवासी मो. एबाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अति काफी करीबी माने जाते हैं और अपने व्यवहार से युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता भी हासिल कर चुके हैं। साफ सुथरी क्षवि को बरकरार रखने वाले श्री एबाद सामाजिक रूप से भी कार्य करते नज़र आते हैं।
सामाजिक कुरीतियों को लेकर चिंतित मो. एबाद ने शादी विवाह, जम्म व मृत्यु के अवसरों पर अनावश्यक दिखावे वाली रस्मों के खिलाफ विशेष अभियान की शुरुआत कर चुके हैं। श्री एबाद का मानना है कि समाज मे फैली परम्पराओ व
बेजा रस्मों के कारण सिर्फ संसाधनों की बर्बाद नहीं होती है बल्कि समाज का एक बड़ा तबका आर्थिक व मानसिक बोझ को झेलने पर मजबूर है और रस्मों व कुरीतियों के खिलाफ कटघर कमाल गाँव से आगामी 15 दिसम्बर को मो. एबाद के नेतृत्व में सामाजिक
जन जागरूकता पड़ यात्रा की शुरू आत होगी जो
सामाजिक रीतियों और अनावश्यक परंपराओं को समाप्त कर एक नए, शिक्षित, और प्रगतिशील समाज के निर्माण की दिशा में “बेजा रस्में मिटाओं, राहत पाओ” शीर्षक से एक महत्वपूर्ण पद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम समाज में शिक्षा, व्यापार, और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक संगठित प्रयास है।
बेजा रस्में: हमारी प्रगति में बाधा हमारे समाज में कई ऐसी परंपराएं
और रस्में प्रचलित हैं जो न केवल संसाधनों की बर्बादी करती हैं, बल्कि समाज के एक बड़े वर्ग के लिए आर्थिक और मानसिक बोझ भी बन जाती हैं। शादी, जन्म और मृत्यु जैसे अवसरों पर दिखावे और अनावश्यक खर्च के नाम पर कई परिवार कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं।
मोहम्मद एबाद द्वारा आयोजित यह पद यात्रा समाज को इन कुरीतियों से राहत दिलाने और एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर प्रेरित करने का प्रयास है। यह आयोजन विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिए जागरूकता का संदेश लेकर आएगा।
शिक्षा, व्यापार और सामाजिक जागरूकता का महत्व
शिक्षा (तालीमी बेदारी) :शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति की रीढ़ होती है। इस पद यात्रा के माध्यम से लोगों को यह समझाया जाएगा कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की उन्नति का आधार है।
शिक्षित समाज ही अनावश्यक परंपराओं और कुरीतियों के खिलाफ खड़ा हो सकता है।व्यापार (तिजारती बेदारी)
व्यापार और स्वावलंबन को बढ़ावा देना इस कार्यक्रम का एक और प्रमुख उद्देश्य है। यदि लोग आर्थिक रूप से सशक्त होंगे,
तो वे अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। अनावश्यक खर्चों से बचने और बचत करने का संदेश भी इस पहल का हिस्सा है।सामाजिक जागरूकता (मुआशरती बेदारी):
समाज में समानता, एकता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य है। जागरूक समाज ही अपने विकास और प्रगति के लिए नई राहें खोल सकता है।
पद यात्रा: एकता और बदलाव का प्रतीक
इस पद यात्रा के आयोजन का उद्देश्य न केवल एक संदेश देना है, बल्कि लोगों को एकजुट करना भी है। पद यात्रा का मार्ग और आयोजन इस बात का प्रतीक होगा कि जब लोग मिलकर कदम उठाते हैं, तो कोई भी बदलाव संभव हो सकता है।
मोहम्मद एबाद: समाज सुधार की पहल मोहम्मद एबाद इस पहल के माध्यम से यह साबित कर रहे हैं कि नेतृत्व का असली मतलब समाज को सही दिशा में ले जाना है। उनका मानना है कि बदलाव के लिए शुरुआत स्वयं से होती है,
और यही सोच इस आयोजन का आधार है।
आपकी भागीदारी क्यों जरूरी है।यदि आप एक प्रगतिशील समाज का हिस्सा बनना चाहते हैं और अपने आस-पास बदलाव देखना चाहते हैं, तो इस पद यात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना न भूलें।
यह न केवल आपके विचारों को बल देगा, बल्कि आपके समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।समापन बेजा रस्में मिटाओं, राहत पाओ” केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है जो समाज को जागरूकता, शिक्षा और
आर्थिक सशक्तिकरण की ओर ले जाने का प्रयास है। 15 दिसंबर 2024 को इस पद यात्रा में शामिल होकर आप इस बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं और समाज को एक नई दिशा देने में योगदान कर सकते हैं। आपका एक कदम बदलाव का कारण बन सकता है !