नगर पालिका प्रशासन द्वारा प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर पर सुंदरकांड कार्यक्रम आयोजित किया गया
एडिटर मोहम्मद राशिद सैय्यद
ऐसी मान्यता है की सुंदरकांड का पाठ करने से बलाओं से मिलता है छुटकारा”सारी काली शक्तियों को दूर करने वाले हनुमान जी
अम्बेडकरनगर ! टांडा महर्षि वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर टाण्डा नगरक्षेत्र से होकर निकलने वाली सरयू/घाघरा नदी तट पर स्थित प्रसिद्ध हुनामनगढ़ी मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी
नगर पालिका परिषद टांडा द्वारा मंदिर में पूजा भजन कीर्तन सुंदरकांड का पाठ आदि कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से शामिल रहे नगर पालिका ईओ डॉक्टर आशीष कुमार सिंह,आर आई राकेश कुमार गौरव, सहित अन्य पालिका के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सुंदरकांड कार्यक्रम में भाग लिया।
बतादे सुंदरकांड को क्यों कहते हैं ‘सुंदर’? इन 8 शब्दों में छिपा है ये अनंत रहस्य,ऐसी मान्यता है कि जिस मंदिर या घर में सुंदरकांड का पाठ हो जाएं, वहां गृह क्लेश, भूत- पिशाच, तंत्र-मंत्र जैसी अला-बलाएं भटक भी नहीं पाती हैं.
महर्षी वाल्मिकी कृत रामायण में 5वा अध्याय हैसुंदरकांड, जिसकी हिंदू धर्म में बड़ी मान्यता है.अक्सर मंदिरों तथा घरों में सुंदरकांड का पाठ किया जाता है. क्योंकि जिस घर में सुंदरकांड का पाठ हो जाए वहां –
गृह क्लेश, भूत-पिशाच, तंत्र-मंत्र जैसी अला-बलाओं से छुटकारा मिलता है. सारी काली शक्तियों को दूर करने वाले हनुमान जी की कहानी कहने वाले इस सुंदरकांड को गाने का युवाओं में भी खासा प्रचलन है.
सुंदरकांड पाठ में मुख्य रूप से उपस्थित रहे नगर पालिका परिषद टाण्डा अधिशाषी अधिकारी डॉक्टर आशीष कुमार सिंह,आर आई राकेश कुमार गौरव, सभासद राकेश गुप्ता, अमीचंद, मनु, सहित अन्य सभासदगण, इशांत पांडे, कार्यालय अधीक्षक –
जलील अहमद,अरशद जमाल, अनुरुद्ध कुमार, लिपिक आशीष कुमार चौहान, जलकल अभियंता शहदेव, हरिश्चंद पाठक, मेट राम चंद्र, मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद अहमद, सुहेल, शकील, मंशाराम, महेंद्र कुमार सफाई नायक, आदि पालिका के अधिकारी एव कर्मचारीगणों की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।