अम्बेडकरनगर ! जनपद के विकास खंड टांडा ग्रामसभा नेपुरा जलालपुर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह कर गई सिंदू और उसके 14 वर्षीय बेटे का भविष्य अधर में”
जायजा और नाजायज पत्नियों की लड़ाई जारी है। जहां हम आपको बता दें सिंदू के पति रामगरीब की मौत के बाद, सिंदू और उनके 14 वर्षीय बेटे के भविष्य को लेकर उठ रहे हैं सवाल” सिंदू का आरोप है की!
उसके पति स्व: रामगरीब की नाजायज पत्नी गांव के एक दबंग व्यक्ति के सहयोग से उसके पति रामगरीब को शराब में जहर मिला कर दिया था? जिससे उसकी मौत हो गई थी? जहां सिंदू ने अंतिम संस्कार के लिए ले केले के पत्ते पर ले जाये जा रहे शव को
डायल 112 पर सूचना दिया था और शव को पहले पोस्टमार्टम कराने के लिये भेजवाया था। साथ ही सिंदू का यह भी आरोप है, की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी की गई है? और बिसरा रिपोर्ट अभी तक उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई।
बिसरा रिपोर्ट आने के बाद राज़ से पर्दा उठ सकता है? और दोषियों को सज़ा मिल सकती है? बहरहाल बीते लगभग 02 वर्षों से सिंदू न्याय के लिए जनपद के सभी उच्चाधिकारियों की चौखट नाप रही है।
वही जिला राज्य पंचायत अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के आदेश के बाद, विकास खंड टांडा ग्राम नेपुरा जलालपुर के सचिव अमर पाल शर्मा और एडीओ पंचायत के साथ पंचायत भवन में दो बार बैठक आयोजित की जा चुकी है, सिंदू का आरोप है,
की विकास खण्ड टाण्डा के सचिव और एडीओ पंचायत की गांव के दबंग व्यक्ति जिसकी रामगरीब की प्रापर्टी पर नियत खराब है? दूसरी महिला सुरेखा और विकास खण्ड टाण्डा के
सचिव और एडीओ पंचायत की मिलीभगत होने की आशंका जताते हुए सिंदू का आरोप है जिसके कारण अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा है! और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है! साथ ही सिंदू का आरोप है,
की उनकी ससुराल में नाजायज तरीके से पत्नी बनकर रह रही महिला सुरेखा ने उन्हें मारा पीटा था और जान से मारने की कोशिश भी की थी जहां से वह किसी तरह से अपनी जान बचाकर वहा से भाग निकली थी!
और थाना इब्राहिमपुर में एफआईआर भी दर्ज कराया है, लेकिन उस महिला को गिरफ्तार नही किया गया! और 116 का वाद टांडा नायब तहसीलदार के यहा लंबित है!
साथ ही 145 की फाइल जो थाना इब्राहिमपुर से तीन बार टांडा सीओ कार्यालय से एसडीएम कोर्ट पर भेजी जा चुकी है, सिंदू का आरोप है, कि हर बार एसडीएम टांडा के
पेशकार फाइल में कोइ ना कोई कमी निकाल कर वापस कर दे रहे है? जिसकी वजह से बीते लगभग दो वर्षों से अब तक उनके किसी भी वाद का ट्रायल तक नही शुरू हो सका है?
वही 27 मई 2025 को नेपुरा जलालपुर में स्थित पंचायत भवन में बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन कोरम के अभाव में बैठक स्थगित कर दी गई थी।
इसके बाद, 23 जून 2025 को पुनः बैठक बुलाई गई थी, जहां वादी पक्ष सिंदू की तरफ से लोग उपस्थित हुए, लेकिन विपक्षी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं रहा।
बहरहाल अब यह देखना बाकी है कि 8 जुलाई को आयोजित की गई बैठक में क्या न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सिंदू को न्याय मिलेगा या नहीं?
जहां सिंदू और उसके बेटे का भविष्य अधर में लटका हुआ है! और दूसरी तरफ विकास खण्ड टाण्डा के सचिव व एडीओ पंचायत द्वारा समय को यू टाले जाने का भी सिंदू ने आरोप लगाया है!
बहरहाल जहां उत्तर प्रदेश सरकार ज़ीरोटार्लेंस की नीति रखने का निर्देश जारी कर रही और प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा भी जीरोंटॉरलेंस की नीतियों पर चलने का
निर्देश दिया जा रहा है वही महिलाओं को भी अपने अधिकारों के कड़े संघर्ष करने के बावजूद उसे न्याय मिलना मुश्किल हो गया है जहां सच को पिछे छोड़कर झूठ को आगे करने कि कोशिश में लगा हुआ है विकास खण्ड टाण्डा।