रिपोर्ट एडिटर मोहम्मद राशिद
अम्बेडकरनगर ! विश्व विख्यात दरगाह किछौछा में जुलूस और रस्म ए – गागर की अदायगी और चादरपोशी की रस्म को अदा किया।639वें उर्स के अवसर पर दरगाह मुतवल्ली सज्जादानशीन सैय्यद मुहियुद्दीन अशरफ ने 639 वर्ष पुराना सैय्यद सुल्तान मखदूम अशरफ का खिरका मुबारक धारण कर
अपनी खानकाह नशिस्त से शानो-शौकत के साथ जुलूस लेकर सहने अस्ताने पर पहुंचे। जहां सज्जादानशीन का पुष्प वर्षा कर जबरदस्त स्वागत किया गया और मखदूम अशरफ की शान में नारे लगाए गए। सहने अस्ताने पर रस्म ए-गागर की अदायगी
सहने अस्ताने पर सज्जादानशीन ने पहुंच कर रस्म ए-गागर की अदायगी की और जायरीनों को संबोधित किया।
सैय्यद मखदूम पाक के खिरका मुबारक की ज़ियारत करने के लिए जायरीनों की भीड़ टूट पड़ी। भीड़ को सहने आस्ताने से माइक के माध्यम से नियंत्रित किया गया, जहां पहुंचे जायरीनों ने अपने-अपने लिए दुआएं मांगीं।
मुल्क में अमन चैन शांति और खुशहाली के लिए दुआएं
सहने अस्ताने से मुतवल्ली सज्जादानशीन सैय्यद मुहियुद्दीन अशरफ ने भी जायरीनों के लिए सैय्यद मखदूम अशरफ से उनके लिए दुआएं की और मुल्क में अमन चैन शांति, खुशहाली और तरक्की के लिए विशेष दुआएं मांगीं।
जुलूस में आगे मलंगों की टोलियों ने दिखाए करतब
मुतवल्ली सज्जादानशीन सैय्यद मुहियुद्दीन अशरफ के जुलूस में आगे मलंगों की टोलियों ने अपने-अपने अंदाज में कई तरह के करतब दिखाए
और मखदूम अशरफ की अकीदतमंदी में खुद पर कोड़े भी बरसाए। जुलूस पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में निकला, जहां जायरीनों की भारी संख्या में ज़ियारत के लिए मौजूद रही भीड़ टूट पड़ी।
मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था – 639वें उर्स के पांचवें दिन दरगाह मेला क्षेत्र में अनुमानित लगभग 02 लाख के आसपास पूरे मेला क्षेत्र में पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया है और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।
कल का कार्यक्रम
दरगाह मुतवल्ली सज्जादानशीन सैय्यद मुहियुद्दीन अशरफ कल गुरुवार 28 मोहर्रम शाम पांच बजे के बाद पुनः खिरका मुबारक धारण कर जुलूस लेकर सहने अस्ताने पर पहुंच कर गागर और चादरपोशी की रस्म अदा करेंगे।
मुतवल्ली व सज्जादानशीन मुहियुद्दीन अशरफ के जुलूस में मुख्य रूप से शामिल रहे सैय्यद चॉद अशरफ चॉद मियां, सैय्यद मेराजुद्दीन किछौछवी, दरगाह कमेटी गुड्डू, सैय्यद मोहम्मद अशरफ बड़े बाबू, सैय्यद आले मुस्तफा छोटे बाबू,
सैय्यद नैय्यर अशरफ, सैय्यद नूर, मेराज बसखारी, सैय्यद हुसैन अशरफ, सैय्यद सुल्तान अशरफ, सैय्यद रईस अशरफ, सैय्यद जामी अशरफ जामी मियां,
सैय्यद अली अशरफ, मौलाना सैय्यद जावेद अशरफ, सैय्यद हसन अशरफ, सैय्यद खलीक अशरफ, सैय्यद शफीक अशरफ, सहित अन्य गणमान्य लोग भारी संख्या में मौजूदगी रहें।