अंबेडकरनगर। महामाया एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज, सद्दरपुर में एमबीबीएस एडमिशन प्रक्रिया के दौरान फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है।
कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि एमबीबीएस में प्रवेश पूरी तरह NEET क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों के आधार पर होता है और पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया डीजीएमई लखनऊ से नियंत्रित की जाती है।
प्रवेश के बाद छात्र-छात्राओं द्वारा क्लेम किए गए सभी प्रमाणपत्र मेरिट और कैटेगरी के अनुसार जांचे जाते हैं। इसके उपरांत डीजीएमई की ओर से वेरिफिकेशन किया जाता है।
फ्रीडम फाइटर कोटे पर फर्जीवाड़ा
प्रिंसिपल ने बताया कि इस बार विशेष सतर्कता बरती गई। जांच में पता चला कि बलिया जनपद से जारी 11 फ्रीडम फाइटर प्रमाणपत्र फर्जी थे,
जबकि एक प्रमाणपत्र अंबेडकरनगर के नाम पर दाखिल हुआ था। बाकी 10 अन्य थे बलिया प्रशासन की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि ये प्रमाणपत्र उनके कार्यकाल में जारी नहीं हुए थे बल्किफर्जी हस्ताक्षर और स्टैम्प के जरिए तैयार किए गए थे।
MBBS छात्रा का एडमिशन रद्द
जांच में पाया गया कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष में दाखिला लेने बलिया की छात्रा का फ्रीडम फाइटर कोटे पर प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी था।
डीजीएमई से प्राप्त आदेश के अनुसार उसका एडमिशन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया और इसकी सूचना आधिकारिक रूप से मेडिकल कॉलेज वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
प्रिंसिपल ने स्पष्ट किया कि सरकार और डीजीएमई की ओर से इस बार कड़ी निगरानी व त्वरित जांच की गई, जिससे फर्जीवाड़ा करने वाले तत्व बेनक़ाब हो सके।



