जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य चिकित्सा एवं शिक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सतर्क है, वहीं दूसरी ओर ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल खड़े होते नज़र आ रहे है।
अम्बेडकरनगर ! जनपद के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी में वर्षों से साइन बोर्ड पर पुराने चिकित्सा अधिक्षक और चिकित्सकों के मोबाइल नंबर ही दर्ज हैं। जबकि वॉल पेंट बोर्ड पर लिखे चिकित्सा अधिक्षक के नम्बर पर
कॉल की तब यह समने आया कि उनका वहां से स्थानांतरण हो चुका है जिसके बाद भी बोर्ड से न तो पुराने नंबर मिटाए गए और न ही वर्तमान चिकित्सा अधिक्षक व चिकित्सकों के नंबर लिखे गए।
स्थिति यह है कि साइन बोर्ड देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो कई वर्षों से इस पर अद्यतन (अपडेट) ही नहीं किया गया हो। बहरहाल आम मरीजों को ज़रूरी संपर्क नंबर न मिल पाने से उन्हें असुविधा झेलनी पड़ रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह न सिर्फ़ लापरवाही है बल्कि स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन की जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि
स्वास्थ्य समुदायिक केंद्र बसखारी के जिम्मेदार अधिकारियों को न तो नियम-कानून का डर है और न ही शासन-प्रशासन की कोई परवाह। यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और मरीजों की सुविधा पर गहरी चोट करती है और तत्काल सुधार की मांग करती है।



