लगभग 10 हज़ार से अधिक ज़ायरीन ने अकी़दतमंदी में शिरकत किया,धार्मिक माहौल में गूंजती रही नौहा,मातम या हुसैन की सदाए
जुलूस-ए अमारी में गुजरात के भाव नगर से आए मौलाना डॉ. सैय्यद कल्बे रूशैद कुम्मी को 25 वर्षों से निरंतर शिरकत के लिए स्टेज से सम्मानित किया गया जहां मौजूद जायरीनों के गगनभेदी नारों से गूंज उठा दहियावर

रिपोर्ट News10plus एडिटर मोहम्मद राशिद-सैय्यद
अम्बेडकरनगर। थाना अलीगंज क्षेत्र के ग्राम दहियावर में अंजुमन अब्बासियां रजिस्टर्ड के नेतृत्व में ऐतिहासिक जुलूस-ए अमारी का 69वां दौर बड़े ही अकीदतमंदाना माहौल में सम्पन्न हुआ।
जुलूस-ए अमारी का आगाज़ 5 रबिअव्वल की रात शब्बेदारी से हुआ, जिसमें पूरी रात नौहा-खानी, मातम और सीना-ज़नी का सिलसिला जारी रहा। अगले दिन शनिवार प्रातः 6 बजें दहियावर में स्थित कर्बला से
जुलूस-ए अमारी बरामद हुई, जिसमें विभिन्न जनपदों से आईं मशहूरों मारुफ अंजुमनों ने नौहा और मातम कर बीबी फातिमा ज़ैहरा (स.अ.) को उनके लाल हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) का पुर्सा पेश किया।
शिरकत करने वाली अंजुमनें व उलेमा
जुलूस में विभिन्न जनपदों से आई अंजुमन हैदरी रजि० बुलंदशहर, अंजुमन दुआ-ए-ज़ैहरा, मुजजफर नगर,अंजुमन फौजे हुसैनी, मेरठ, अंजुमन पैग़ाम -ए -अली अकबर, लखनऊ अंजुमन दस्त-ए-मासूमिया बड़ा गांव घोसी अंजुमन पंजतनी जफराबाद जलालपुर ने भाग लिया।
इस मौके पर हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद नदीम असगर किबला (बनारस), मौलाना अलहाज वसी हसन खां किबला (फैज़ाबाद) और मौलाना डॉ. सैय्यद कल्बे रूशैद कुम्मी किबला (भांव नगर, गुजरात) ने वाक़ए कर्बला बयान करते हुए इमाम हुसैन (अ.स.) की कुर्बानी को इंसानियत के लिए सबसे बड़ी मिसाल बताया।
इमाम हुसैन की कुर्बानी – इंसानियत की मिसाल
इमाम हुसैन (अ.स.), हज़रत अली और बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ.) के बेटे तथा पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद (स.अ.व.) के नवासे थे। उन्होंने 61 हिजरी में कर्बला की रण में
अरब के बादशाह यज़ीद की दो लाख फौज के मुकाबले अपने 71 साथियों संग भूखे-प्यासे रहकर जंग लड़ी और अल्लाह की राह में शहादत दी। यही वजह है कि पूरी दुनिया में शिया समुदाय पिछले 1400 वर्षों से ग़म-ए-हुसैन दो महीने आठ दिन तक मनाता आ रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था व प्रशासन की सराहना
जुलूस के दौरान थाना अलीगंज के एसएचओ भूपेंद्र सिंह पूरी पुलिस टीम के साथ मुस्तैद रहे। उनकी सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था की माइक से लगातार सराहना होती रही। अनुमानित 10 हज़ार से अधिक ज़ायरीनों ने जुलूस-ए अमारी में शिरकत की।
आयोजन समिति व प्रमुख लोग
जुलूस की व्यवस्था में मुख्य रूप से सैय्यद जाहिद अब्बास, गवर्नर पुत्र सैय्यद ज़ीशान हैदर, सैय्यद रज़ा ज़ैदी, सैय्यद बब्लू, सैय्यद शीबू (पत्रकार) सैय्यद आलम ज़ैदी, मसरूर, सैय्यद शबी हैदर (पत्रकार)
सैय्यद अलमदार, सैय्यद अली ज़ैदी, सैय्यद अलमदार हुसैन, सैय्यद दबीर, सैय्यद अज्जे, सैय्यद तज्जू, सैय्यद शानू, सैय्यद मैहशर, (पत्रकार पुत्र) सैय्यद मोहम्मद ज़हीर, दयाशंकर प्रधान सहित अंजुमन अब्बासियां दहियावर के सभी सदस्य सक्रिय रहे।



