अम्बेडकरनगर ! जनपद के विकास खण्ड टाण्डा के ग्राम नेपुरा जलालपुर के पंचायत भवन में तीसरी बैठक के बाद भी दो पत्नियों का विवाद नहीं सुलझ सका। सिंदू और सुरेखा दोनों का दावा की मै स्व: रामगरीब की पत्नी हूं और दूसरी पत्नी का भी कहना मै स्व: रामगरीब की पत्नी हूं। सिंदू का दावा
सिंदू का दावा है कि उसका स्व: रामगरीब से बाल अवस्था में विवाह हुआ था और 2008 में उसकी बिदाई हुई थी। जब वह लखनऊ के एक हास्टल में रहकर बीएड की पढ़ाई कर रही थी।
साथ ही सिंदू का यह भी आरोप है, कि सुरेखा को नेपुरा जलालपुर गांव के एक पूर्व प्रधान की शह पर रामगरीब के साथ जबरदस्ती बैठा दिया गया। क्योंकि रामगरीब शराब पीने का आदि था। हालांकि सुरेखा का कहना है कि वह रामगरीब की पत्नी है, और उसके साथ रह रही थी। लेकिन वही सिंदू का आरोप है कि सुरेखा ने प्रापर्टी के लालच में रामगरीब को शराब में जहर देकर मार दिया था।
और जिसके शव को आनन -फानन में अर्धनग्न शव को केले पत्ते पर रखकर अंतिम संस्कार के लिये ले जाया जा रहा था। जहां मौके पर पहुंचकर सिंदू ने डायल 112 पर सूचना देकर शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की जिस मांग पर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। साथ ही पुलिस को दी गई तहरीर पर पहली पत्नी सिंदू का आरोप है, की दूसरी पत्नी का दावा करने वाली सुरेखा ने रामगरीब को शराब में ज़हर देकर मारा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आरोप
हालांकि सिंदू का यह भी आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विपक्षियों के द्वारा हेराफेरी करवाई गई है, जिसमें सुरेखा जेल जाने से बच गई है। साथ ही सिंदू का यह भी आरोप है कि बिसरा रिपोर्ट अभी तक उसे नहीं दी गई है। और बिसरा आने के बाद राज़ से पर्दा उठ जायेगा। और उसके स्वर्गीय पति रामगरीब को न्याय मिलेगा।
परिवार रजिस्टर में नाम चढ़ाने की मांग
वही सिंदू का कहना है कि उसने परिवार रजिस्टर में अपना नाम चढ़ाने के लिए जिला राज्य पंचायत अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी से मांग किया था।
इस संबंध में आज 08 जुलाई मंगलवार 2025 को तीसरी बार खंड विकास टांडा के ग्राम नेपुरा जलालपुर के पंचायत भवन में सिक्रेटरी अमर पाल शर्मा और एडीओ पंचायत के साथ बैठक की गई!
जिसमें कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। जिस प्रकरण पर जिला राज्य पंचायत अधिकारी से विधिक राय लेने की बात कही गई। बहरहाल उक्त प्रकरण को लेकर वादी पक्ष सिंदू का गम्भीर आरोप है कि!
ग्राम सचिव और एडीओ पंचायत की गांव के कुछ सफेद पोस लोगों से मिलीभगत से सिक्रेटरी और एडीओ पंचायत एक तरफा फैसला करने पर उतारू है?
साथ ही सिंदू का यह भी आरोप है, कि विकास खण्ड टाण्डा के एडीओ पंचायत और सचिव द्वारा उसे पंचायत बैठक कराने के लिए तीन बार अलग अलग समय पर बुलाकर उसका कीमत समय बर्बाद किया है? और उसे घुमाया जा है,जबकि आज तक सिंदू ने दूसरा कोई विवाह नही किया है,
ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब हिन्दू रीति-रिवाज में बिना न्यायालय के किसी भी महिला के तलाक को नहीं माना जाता जिसके बाद भी सुरेखा स्व: रामगरीब की दूसरी पत्नी होने का दावा कर रही है और खंड विकास
टांडा में आखिर किस बिना पर दूसरी पत्नी का नाम परिवार रजिस्टर में चढ़ा दिया गया और सिंदू के 14 वर्षीय बेटे रूद्र सागर का नाम दर्ज है लेकिन सिंदू का नाम नही दर्ज किया जा रहा है जबकि सिंदू ने अभी तक कोई दूसरा विवाह नही किया है और न्याय की तलाश में जुटी है!
जहां से एक बार फिर से बताते चलूं दो बैठक के बाद तीसरी बैठक न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पंचायत भवन में बैठक होना बताया गया था लेकिन सिर्फ सचिव और
एडीओ पंचायत ने स्वयं ही बैठक सम्पन्न कराया हालांकि दो बैठक स्थगित होने के बाद तीसरी बैठक न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं कराया गया जो अपने आप में सोचनीय विषय है?