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जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला की मानवीय पहल: एक ही परिवार को मिली दोहरी राहत, शिक्षा और रोजगार दोनों सुनिश्चित!

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रिपोर्ट एडिटर मोहम्मद राशिद-सैय्यद
अंबेडकरनगर ! 07 अगस्त 2025 |जनता दर्शन के दौरान अंबेडकर नगर के ग्राम दिलावलपुर, विकासखंड–भीटी की निवासी श्रीमती लालती अपनी पुत्री श्रद्धा के साथ

जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला से मिलने पहुँचीं। उन्होंने बताया कि उनके पति श्री रामकरन, जो पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत थे, सेवाकाल के दौरान आकस्मिक रूप से दिवंगत हो गए हैं।

दुख की इस घड़ी में श्रीमती लालती ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि उनके पुत्र अर्पित को मृतक आश्रित कोटे में नियुक्त किया जाए। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए

जिलाधिकारी शुक्ला ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए तत्काल जिला पंचायत राज अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। नियमानुसार अर्पित की नियुक्ति सफाई कर्मी पद पर कर दी गई।

श्रद्धा की शिक्षा को मिली नई दिशा
जनता दर्शन के दौरान ही जिलाधिकारी ने श्रीमती लालती की पुत्री श्रद्धा से उसकी शिक्षा के संबंध में जानकारी प्राप्त की। श्रद्धा ने बताया कि

उसने हाई स्कूल की परीक्षा 72% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है और वह दुर्गाजी ग्रामोदय इंटर कॉलेज, भीटी में अध्ययनरत है। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पा रही है।

जिलाधिकारी ने न केवल इस बात को गंभीरता से लिया, बल्कि एक प्रेरणास्पद निर्णय लेते हुए श्रद्धा की कक्षा 12 तक की पूरी पढ़ाई (शुल्क, कॉपी-किताबें आदि) का खर्च स्वयं उठाने की घोषणा की। उन्होंने तत्काल जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिया कि श्रद्धा की फीस विद्यालय में जमा कराई जाए और उसकी पढ़ाई में कोई बाधा न आने पाए।

निर्देशों के क्रम में विद्यालय में फीस जमा कर दी गई है और प्रधानाचार्य को भी आवश्यक शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा श्रद्धा के लिए सभी आवश्यक पाठ्य सामग्री की व्यवस्था भी कर दी गई है।

जनता दर्शन बना सहानुभूति और समाधान का प्रतीक
जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला की इस मानवीय पहल से मृतक कर्मचारी के परिवार को दोहरी राहत प्राप्त हुई – एक ओर

पुत्र को सरकारी नौकरी मिली, दूसरी ओर बेटी की शिक्षा की राह प्रशस्त हुई। यह कदम न सिर्फ प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश भी प्रसारित करता है।

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