रिपोर्ट मोहम्मद राशिद-सैय्यद
अंबेडकरनगर ! ज़िले की तहसील टाण्डा क्षेत्र के ग्राम आसोपुर कर्बला शाहबाग़ में रजब की पहली नौचंदी पर जायरीनों की भीड़ उमड़ी।
इस अवसर पर मजलिस को सम्बोधित किया आली जनाब मौलाना सैय्यद गुलाम मुर्तजा़ ने कर्बला के युद्ध के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि कर्बला का युद्ध इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 10 मुहर्रम 61 हिजरी (10 अक्टूबर, 680 ईस्वी, में
हुआ था। उन्होंने कहा यह लड़ाई मुहम्मद साहब के नवासे अमर शहीद हज़रत इमाम हुसैन इब्ने अली और उनके कुनबे व उनके समर्थकों और रिश्तेदारों का एक छोटा सा समूह था।
जिन्होंने सर ज़माने कर्बला में पहुंचकर सर्वप्रथम वहां पर खुद की ज़मीन खरीदी और खै़मा लगाया। जिसके बाद वहां के शासक यज़ीद की फौज़ से के बीच ह़क और इंसानियत पर
युद्ध हुआ जिसमें इमान हुसैन ने अपने कुनबे के साथ साथ खुद भी शहीद हो गए आज पूरी दुनिया में अमर शहीद हज़रत इमाम हुसैन को याद किया जाता है और पूरे वर्ष याद किया
जाता है लेकिन यज़ीद को याद करने वाला कोई भी नहीं है। बाद मजलिस के कर्बला शाहबाग़ में अलम के साथ नौचंदी का जुलूस निकाला गया जहां पर नौहा और मातम के साथ जुलूस सम्पन्न हुआ।