रिपोर्ट News10plus एडिटर मोहम्मद राशिद-सैय्यद
अम्बेडकरनगर टांडा। तहसील क्षेत्र के थाना अलीगंज व थाना इब्राहिमपुर क्षेत्र में पड़ने वाली ग्रामसभा अरसावां में इस्लामी कैलेंडर के अनुसार निकाले जाने वाले
जुलूस-ए 72 ताबूत का इस वर्ष दसवां ऐतिहासिक आयोजन हुआ। इस अवसर पर अंजुमन फैज़े हुसैनी के नेतृत्व में निकले जुलूस में विभिन्न जनपदों से पहुंची अंजुमनें, उलमा और हजारों जायरीन शामिल हुए।
कर्बला में शहीद हुए बहत्तर शहीदों की याद में 72 ताबूत की जि़यारत कराई गई!
जुलूस का आयोजन कर्बला की जंग में शहीद हुए हज़रत इमाम हुसैन अ०स०, उनके मासूम बेटे अली असगर, बेटी मासूम सकीना और उनके 71 साथियों की याद में किया गया।
उलमाओं ने संबोधन के दौरान कहा कि इमाम हुसैन ने यज़ीद की तानाशाही के खिलाफ सिर्फ हक और इंसानियत की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने नमाज़, रोज़ा या पानी-खाने के लिए जंग नहीं की, बल्कि मां-बहनों और बेटियों के अधिकारों की रक्षा हेतु अपनी कुर्बानी दी।
दो माह आठ दिन तक चलता है मातम
शिया समुदाय हर वर्ष मोहर्रम के दो महीने आठ दिन तक लगातार ग़म-ए-हुसैन मनाता है। अब तक दो माह और एक दिन पूर्ण हो चुका है तथा सात दिन और शेष हैं। इसी कड़ी में अरसावां में परंपरागत जुलूस-ए 72 ताबूत पिछले दस वर्षों से लगातार निकाला जा रहा है।
जायरीनों के लिए व्यापक इंतज़ाम
ग्रामसभा अरसावां की अंजुमन फैज़े हुसैनी और स्थानीय लोगों की ओर से जायरीनों के लिए जगह-जगह भोजन, ठंडा पानी, शरबत और चाय की व्यवस्था की गई। लगभग 10 हज़ार जायरीन ज़ियारत के लिए पहुंचे। ग्रामसभा के लगभग हर घर में बाहर से आए मेहमानों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्थाएं की गई थीं।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
थाना इब्राहिमपुर प्रभारी निरीक्षक रितेश पांडेय स्वयं पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने घंटों तक सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और सुरक्षा कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए।
वहीं थाना अलीगंज की पुलिस भी पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी पर रही। जिला प्रशासन और पुलिस की सतर्कता की लगातार अंजुमन फैज़े हुसैनी की तरफ से माइक के माध्यम से उनकी मुस्तैदी की सराहना होती रही।
वैलेंटिस हॉस्पिटल लखनऊ द्वारा नि:शुल्क मेडिकल कैम्प
जुलूस-ए 72 ताबूत में इस बार भी वैलेंटिस हॉस्पिटल, लखनऊ की ओर से जायरीनों के लिए नि:शुल्क मेडिकल कैम्प लगाया गया।
हॉस्पिटल के निदेशक नदीम अब्बास व डॉ. एस.एम. रज़ा के नेतृत्व में उनकी मेडिकल टीम बीते चार वर्षों से लगातार यहां सेवा जारी रखते हुए जायरीनों को स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया।
नदीम अब्बास ने बताया कि वैलेंटिस हॉस्पिटल में हार्ट, किडनी, न्यूरो सहित सभी प्रकार की आधुनिक सर्जरी और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अम्बेडकरनगर से आने वाले मरीजों को विशेष रियायत और गुणवत्तापूर्ण इलाज प्रदान किया जाता है।
जुलूस ए -72 ताबूत में विभिन्न प्रांतों से पहुंची अंजुमनों ने नौहा, मातम सीना ज़नी करते हुए नम आंखों से फात्मा ज़ैहरा को पुर्सा पेश किया।
साथ ही उलमाओं ने कर्बला के बहत्तर शहीदों की शहादत का ज़िक्र किया। इस दौरान जायरीनों ने नम आंखों से बीबी फात्मा ज़ैहरा को उनके लाल का पुर्सा देते देखे गए।
संदेश
उलमाओं ने कहा कि कर्बला का पैग़ाम आज भी उतना ही प्रासंगिक है। इमाम हुसैन ने इंसाफ और इंसानियत की राह में अपनी शहादत दी, जबकि यज़ीद की खुशी क्षणिक साबित हुई। आज पूरी दुनियां हुसैन को याद करती है लेकिन यज़ीद का नाम तक लेने वाला कोई नहीं।
जुलूस ए – बाहत्तर ताबूत में अंजुमन फैज़े हुसैनी अरसावॉ के सदस्यों ने एक जुटता के साथ जुलूस में पहुंचे जायरीनों की खिदमत में कोई कोर कसर नही छोड़ा बल्कि जरूरत से अधिक जायरीनों के लिये आवश्यक जरूरतों का इंतेजाम रहा।
जुलूस रात्रि लगभग 9 बजें सकुशल सम्पन्न हुआ बाद जुलूस समापन के अंजुमन फैज़े हुसैनी ने जायरीनों के लिए ग्राम अरसावॉ से मुख्य मार्ग सद्दरपुर, व जिला मुख्यालय अम्बेडकरनगर
एवं टांडा तक निशुल्क वाहन की व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया। जुलूस में किसी भी एमरजेंसी के लिए फायर सर्विस के वाहन और उनकी टीम उपस्थित रही, साथ ही एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी। इस कार्य में अंजुमन के सदस्य ज़ोहरकैन, नूरूल, सिब्तैन, नदीम, सैदू सहित समस्त अंजुमन के सदस्य शामिल रहे।



