किशोर न्याय और बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विधिक साक्षरता शिविर
अम्बेडकरनगर ! बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में किशोर न्याय, बाल श्रम निषेध और बच्चों के हितार्थ कानूनों के संबंध में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने किशोर न्याय अधिनियम और बाल श्रम निषेध अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
किशोर न्याय प्रणाली और बाल अधिकार
भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने बताया कि किशोर न्याय प्रणाली का मकसद सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखना, कौशल विकास, पुनर्वास और उपचार की जरूरतों को
पूरा करना होता है। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय प्रणाली वयस्क आपराधिक न्याय प्रणाली से ज्यादा पुनर्स्थापनात्मक दृष्टिकोण अपनाती है और किशोरों के अधिकारों की रक्षा करती है।
बाल श्रम निषेध अधिनियम और इसके प्रावधान
अपर जिला जज/सचिव महोदय ने बाल श्रम निषेध अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य 14 साल से कम उम्र के
बच्चों को किसी भी व्यवसाय या प्रक्रिया में और 14 से 18 साल के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों में काम करने से रोकना है। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत बाल श्रम को एक संज्ञेय अपराध बनाया गया है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
शेल्टर होम्स का निरीक्षण और आवश्यक निर्देश
शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या की स्वच्छता, किशोर अपचारियों के खाने-पीने और
उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली गई। समिति ने गर्मी से बचाव के लिए उचित व्यवस्था करने और बदलते मौसम के अनुसार स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।