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सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार को” टाण्डा सीएचसी पर 200 सौ. से अधिक मरीज़ जांच उपचार के लिये पहुंचे” अधिक्षक ने भी संभाली ओपीडी

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( News10plus.com ) Editor –                   Mohammad Rashid Syed

अम्बेडकर  नगर  !  मौसम  के  बदलते  रूख  में  तेज़ी  से बढ़  रही  है  मरीजो़  की  संख्या  ऐसे  मे  सर्दी  खासी  जुखाम  बुखार  के  मरीज़  अधिक  पाये  जा  रहें  है ।

टाण्डा  समुदायिक  स्वास्थ्य  केंद्र  पर  आज  शनिवार  26  अक्टूबर  2024  सप्ताह  के  अंतिम  दिन  भी  सीएचसी  पर  काफी  मरीज़  जांच  उपचार  के  लिये  पहुंचे  हालांकि  आज  की  ओपीडी  सीएचसी  अधिक्षक  डॉक्टर  श्री  दिनेश  वर्मा  ने  स्वयंम  संचालित  किया।

उन्होंने  कहा  मुझे  मरीजो़  को  देखने  में  कोई  गुरेज  नही  है  बल्कि  मुझे  मरीजों  की  सेवा  में  लगे  रहने  से  खुशी  महसूस  होती  है।  सीएचसी  सहित  सीएचसी 

की  अन्य  शाखाओं  एवं  पूरी  व्यवस्था  देखने  के  कार्य  के  साथ  साथ  समय  मिलने  पर  ओपीडी  में  मरीजों  के  जांच  उपचार  करने  में  भी  व्यस्त  हो  जाते  श्री  दिनेश  वर्मा,

हालांकि  आज  की  ओपीडी  अधिक्षक  के  साथ  साथ  आई  डांक्टर  श्री  लतीफ  ने  आंखों  से  पीड़ित  मरीजों  का  जांच  उपचार  किया  साथ  ही  डॉक्टर  श्री  दिव्यांशु,  डॉक्टर  श्री  प्रेम  प्रकाश  पॉल, ने  भी  ओपीडी  संचालित  किया,  वही   महिला  डेंटल  डॉक्टर  श्रीमती  सरस्वती  ने  दांत  से  पीड़ित  मरीजों  का  जांच  उपचार  किया ।

टाण्डा  समुदायिक  स्वास्थ्य  केंद्र  में  संचालित  राजकीय  होम्योपैथिक  अस्पताल  में  भी  होम्योपैथी  इलाज  में  विश्वास  रखने  वाले  मरीजों  ने  होमियोपैथिक  डॉक्टर  के  पास  लाइन  लगाकर  जांच  उपचार  कराकर  मीठी  गोलियां  प्राप्त  किया।

 खासकर  महिलाओं  की  अधिक  भीड़  दिखाई  पड़ी  टाण्डा  समुदायिक  स्वास्थ्य  केंद्र  पर  आज  शनिवार  दोपहर  12  बजें  तक  एंटी  रैबीज  व  अन्य  बैकसीन  मिलकर  लगभग  40  के  आसपास  लगाई  गयी  थी  ओपीडी  व  अन्य  के  लिये  दोपहर  तक  200   सौ.  से  अधिक  मरीज़ो  ने  पर्चें  बनवायें ।

जांच  लैब  पर  दोपहर  तक  सभी  प्रकार  की  जाचों को  मिलाकर  लगभग  150  जांचें  की  गई ।  बहरहाल  समुदायिक  स्वास्थ्य  केंद्र  टाण्डा  में  काफी  कम  जगह  होने  के  बाद  भी  मरीजो़  की  संख्या  अधिक  पाई  जाती  है । जबकि  यह  पुरानी  बिल्डिंग  में  संचालित  किया  जा  रहा  है।

जिसके  बावजूद  यहां  सभी  सुविधाएं  उपलब्ध  पाई  जाती  है।  यहां  की  व्यवस्थाओं  व  डॉक्टरों  पर  मरीज़ो  का  अधिक  विश्वास  है।  इसलिए  सीएचसी  पर  काफी  कम  जगह  होने  के  बावजूद  भी  मरीजो़  का  तांता  लगा  रहता  है।

हालांकि  सीएचसी  में  और  अधिक  जगह  बढ़ाये  जाने  कि  आवश्यकता  है  जिसके  लिये  सीएचसी  के  बाहर  कुछ  कमरे  बनाने  की  जरूरत  है।  जिससे  दवा 

वितरण  व  जांच  आदि  बहरी  कमरों  पर  किया  जा  सकें  साथ  ही  सीएचसी  पर  मरीजों  को  अगर  पानी  की  आवश्यकता  पड़  जाये  तो  बाहर  से  खरीद  कर  लाना  पड़ता  है। 

यहां  पर  पीने  व  हाथ  धुलने  के  लिये  पानी  की  सुचारू  रूप  से  स्थाई  व्यवस्था  नही  है ।  बहरहाल  कुछ भी  हो  वही  बगल  में  संचालित  200  सौ.  शैय्या   बेडेड –

अस्पताल  में  काफी  सारी  जगह  होने  के  बाद  भी  यहां  कि  व्यावस्थाए  निल  बटा  संनाटा  दिखाई  पड़ती  है  प्राप्त  जानकारी  सूत्रों  के  अनुसार  यहां  के  सीएमएस/इंचार्ज  का –

अस्पताल  की  व्यवस्था  पर  तनिक  भी  ध्यान  नही  रहता  सूत्रों  से  प्राप्त  जानकारी  मे  मालूम  हुआ  कभी  कभी  यहां  कि  फार्मेसी  10  बजे  के  बाद  भी  बंद  नज़र  आती  है ।  जबकि  प्रातः  8  बजें  फार्मेसी  खुलने  का  समय  है।

साथ  ही  अगर  कभी  समय  से  खुल  भी  गई  तो  हस्ताक्षर  करने  के  एक  दो  घंटे  के  बाद  यहां  कोई  नज़र  नही  आता  है।  यहां  महिला  फार्मेसी  व  पुरुषों  का  अलग –

अलग  अटेंडेंस  रजिस्टर  बनाया  गया  है । ओपीडी  के  लिये  यहां  पर  समय  से  डॉक्टर  उपस्थित  नही  मिलते 

शायद  यही  वजह  है  कि  काफी  जगह  और  नई  बिल्डिंग  साफ  सफाई  सब  कुछ  दिखाई  देने  के  बाद  भी  200  शैय्या  बेडेड  अस्पताल  पर  मरीजो  का  विश्वास  नहीं  बढ़  रहा  है ।

साथ  ही  जानकारी  मे  यह  भी  बताया  जा  रहा  है।  कि  सीएमएस  व्यवस्था  देखने  के  बजाय  दूसरी  मंजिल पर  अपने  ऑफिस  में  बैठकर  आराम  फरमा  रहे  होते  है ।  

ये  भी  बताया  गया  कि  यहां  पर  मेडिकल  कॉलेज  से  भेजें  गये  ट्रेनी  डॉक्टर  मनमानी  करते  नज़र  आते  है।  मरीजों  से  ढंग  से  बात  तक  नहीं  करते  जिसकी  नगर के  स्थानीय 

लोगों  में  चर्चाएं  भी  सुनने  को  मिलती  है ।  शायद  इन्हीं  सब  वजह  को  लेकर  मरीजों  का  मातृ  शिशु  200  बेडेड  अस्पताल  के  बजाय  सीएचसी  की  तरफ  ध्यान  केन्द्रित  है ।  क्योंकि  सीएचसी  पर  व्यवस्था  के साथ  साथ  मरीजों  का  यहां  के  डॉक्टरों  पर  अधिक  विश्वास  भी  है ।  ऐस  मै  स्वयम  से  नही  बल्कि  मरीजों  में  चर्चा  होते  हुये  सुनने  को  मिली ।

नोट – News10plus – किसी भी सत्यता की पुष्टि नही करता बल्कि प्राप्त जानकारी के आधार पर इसे जनहित में प्रकाशित किया गया है जिससे सम्बंधित जिम्मेदारान संज्ञान ले सके और आमजनमानस की समस्यायों को देखते हुये जांच कर उतिच निर्णय लिया जा सके  धन्यवाद।

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