मिशन अस्पताल में नहीं है अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था”डॉक्टर का कहना है स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर का अल्ट्रासाउंड ही अस्पताल में मान्य होगा!
तारा शुक्ला की सोनभद्र से रिपोर्ट..
सोनभद्र : कमीशन के चक्कर में मरीजों के साथ हो रहा खिलवाड़! जनपद में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के वजह से आए दिन मरीज अवैध झोलाछाप डॉक्टर एवं अवैध हॉस्पिटलों के संचालकों द्वारा शोषण का शिकार हो रहे!
ताज़ा मामला कचहरी चौराहे के बगल में खुले स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर का है जहां पर मानक विहीन बिल्डिंग में डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है! ज्ञात हो कि सोमवार को घोरावल निवासी महेंद्र पांडे अपनी ।
पत्नी को लेकर मिशन दिखाने गए तो वहां पर मरीज ज्योति पांडे को डॉक्टरों द्वारा देखने के बाद अल्ट्रासाउंड कराने के लिए इस हिदायत के साथ पर्ची दी गई की स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर जो कचहरी गेट के ठीक सामने वाली गली में है वहीं से कराकर लाना!
वही जब मरीज के गार्जियन द्वारा यह पूछा गया कि स्वर्ण जयंती चौक के अगल-बगल जो डायग्नोस्टिक सेंटर है वहां से कराकर लाएं तो, मिशन के डॉक्टरों का कहना था कि अन्य कहीं की मान्य नहीं होगी! वही जब स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक से अल्ट्रासाउंड की फीस 1,000 रूपये के बाबत कुछ कम करने के लिए कहा गया।
तो उनका साफ शब्दों में कहना था कि इन रूपयों में से कमिशन यानी (घुस ) मिशन हॉस्पिटल भी पहुंचाना है, ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि इन दिनों पकड़ और पहुंच के कारण स्वास्थ्य विभाग में घुस को लेकर कितना बड़ा खेल खेला जा रहा है!
मिशन जैसा बड़ा हॉस्पिटल यदि स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर जैसे मानक विहीन, जहां अल्ट्रासाउंड करने के लिए कोई डिग्री धारक प्रशिक्षित लेडीज डॉक्टर नहीं है ऐसे गलत डायग्नोस्टिक सेंटरों को संरक्षण दे सकते हैं तो?
वहीं जनपद में तमाम ऐसे जो अवैध हॉस्पिटल हैं उनका क्या हाल होगा? वह भी स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर की तरह ऐसे कई डायग्नोस्टिक सेंटरों का इसी तरह कमीशन बेस पर संचालन करवा रहे होंगे यह एक बहुत बड़ा जांच का विषय है!
कृपया जिलाधिकारी महोदय इसे संज्ञान में ले एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा झोलाछाप डॉक्टरों के नोडल इस तरह के संचालित हो रहे मानक विहीन हॉस्पिटलों एवं
डायग्नोस्टिक सेंटरों के ऊपर कार्यवाही करें नहीं तो जनपद की भोली भाली गरीब जनता का शोषण स्टार डायग्नोस्टिक सेंटर जैसे फर्म के उन तमाम संचालन कर्ताओं द्वारा द्वारा किया जाता रहेगा!
यह ज्ञात हो कि एक तरफ इस अस्पताल के बायोलॉज में ऐसे चैरिटी अस्पताल का नाम दिया गया है जिसका मतलब होता है सेवा भाव, और सेवा भाव के नाम पर खोले गए अस्पताल में इस तरह की हो रही लुट यह साफ संकेत देता है।
कि यह अस्पताल सेवा भाव के लिए नहीं बल्किइस गरीब जनपद के आदिवासियों वअन्य मरीजों के शोषण के लिए खोला गया हैं। जबकि वहीं दूसरी तरफ जीस स्टार
अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराने का दबाव वहां दिया जा रहा है उस अल्ट्रासाउंड सेंटर में कोई भी योग्य तकनीकी व्यक्ति मौजूद ही नहीं है!सूत्रों का कहना है कि फर्जीनाम पर यह अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाया जा रहा है मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी जांच कर इस फर्म को ताला लगा दिया जाना चाइये!